हरियाणा में 370 भ्रष्ट पटवारियों की सूची लीक, मुख्यमंत्री ने दी जांच के आदेश
हाल ही में 370 "भ्रष्ट पटवारियों" (corrupt patwaris) की सूची सामने आने के बाद राज्य में हंगामा खड़ा हो गया है। इस
हरियाणा में सूची को लेकर पटवारियों ने कड़ी आपत्ति जताई है और प्रदेश स्तर पर विरोध (protest) शुरू कर दिया है। जींद में आज पटवारियों की एक अहम बैठक हुई, जिसमें राज्य कार्यकारिणी समेत सभी जिलों के प्रधान और महासचिव शामिल हुए। यह बैठक द रेवेन्यू पटवार एंड कानूनगो एसोसिएशन (The Revenue Patwar & Kanungo Association) के बैनर तले आयोजित की गई।
इस बैठक की अगुवाई राज्य प्रधान जयवीर चहल कर रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह जांच का विषय है कि यह सूची कहां से और कैसे जारी हुई। उन्होंने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार के मामलों में सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति (Zero Tolerance Policy) है और इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी।
आंदोलन की चेतावनी
पटवारियों ने जींद में हुई बैठक के दौरान सरकार को चेतावनी दी कि अगर सूची में शामिल नामों पर कोई सख्त कार्रवाई होती है, तो एसोसिएशन बड़े आंदोलन से पीछे नहीं हटेगी। बैठक में आरोप लगाया गया कि यह सूची बिना मुख्यमंत्री की अनुमति के जारी हुई है और इसमें पटवारियों को बदनाम करने का प्रयास किया गया है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब तीन दिन पहले 370 पटवारियों की सूची सार्वजनिक हुई। इस सूची में 170 पटवारियों पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने निजी सहायक (personal assistants) रखे हैं, जो फर्द, नक्शा और इंतकाल जैसे कार्यों के बदले रिश्वत लेते हैं।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने आज कैथल में एक कार्यक्रम के दौरान इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमें ईमानदारी से काम करना चाहिए और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना चाहिए।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मामला अभी जांच के अधीन है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
एसोसिएशन का रुख
द रेवेन्यू पटवार एंड कानूनगो एसोसिएशन के सदस्यों ने बैठक में स्पष्ट किया कि सरकार को इस मुद्दे पर जल्द से जल्द अपना पक्ष रखना चाहिए। एसोसिएशन का कहना है कि अगर सरकार इस सूची को वापस नहीं लेती या पटवारियों को दोषमुक्त घोषित नहीं करती, तो प्रदेश भर में आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।